है पितृ पक्ष करना पिंडदान गोलोकवासी! है पितृ पक्ष करना पिंडदान गोलोकवासी!
मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है। मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है।
कल गया, कल की तरह कल गया, कल की तरह
एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशियाँ। खो गयी एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशिया...
जब ख़ुदा का मुझे आसरा मिल गया लोग कहने लगे जाने क्या मिल गया जब ख़ुदा का मुझे आसरा मिल गया लोग कहने लगे जाने क्या मिल गया
मेरा अब थक के गिर जाना आम हो गया फिर से रस्ते पे लग जाना भी कमाल हो गया मेरा अब थक के गिर जाना आम हो गया फिर से रस्ते पे लग जाना भी कमाल हो गया